Ayurvedic Remedy for Loose Fat
गलत ढंग से आहार-विहार यानी खान-पान , रहन-सहन से जब शरीर पर चर्बी चढ़ती है तो पेट बाहर निकल आता है , कमर मोटी हो जाती है और कूल्हे भारी हो जाते हैं। इसी अनुपात से हाथ-पैर और गर्दन पर भी मोटापा आने लगता है। जबड़ों के नीचे गरदन मोटी होना और तोंद बढ़ना मोटापे के मोटे लक्षण हैं। मोटापे से जहाँ शरीर भद्दा और बेडौल दिखाई देता है , वहीं स्वास्थ्य से सम्बंधित कुछ व्याधियाँ पैदा हो जाती हैं , लिहाजा मोटापा किसी भी सूरत में अच्छा नहीं होता। बहुत कम स्त्रियाँ मोटापे का शिकार होने से बच पाती हैं। हर समय कुछ न कुछ खाने की शौकीन , मिठाइयाँ , तले पदार्थों का अधिक सेवन करने वाली और शारीरिक परिश्रम न करने वाली स्त्रियों के शरीर पर मोटापा आ जाता है। भोजन के अन्त में पानी पीना उचित नहीं , बल्कि एक-डेढ़ घण्टे बाद ही पानी पीना चाहिए। इससे पेट और कमर पर मोटापा नहीं चढ़ता , बल्कि मोटापा हो भी तो कम हो जाता है। आहार भूख से थोडा कम ही लेना चाहिए। इससे पाचन भी ठीक होता है और पेट बड़ा नहीं होता। पेट में गैस नहीं बने इसका खयाल रखना चाहिए। गैस के तनाव से तनकर पेट बड़ा होने लगता है। दोनो समय शौच