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Ayurvedic Remedy for Loose Fat

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गलत ढंग से आहार-विहार यानी खान-पान , रहन-सहन से जब शरीर पर चर्बी चढ़ती है तो पेट बाहर निकल आता है , कमर मोटी हो जाती है और कूल्हे भारी हो जाते हैं। इसी अनुपात से हाथ-पैर और गर्दन पर भी मोटापा आने लगता है। जबड़ों के नीचे गरदन मोटी होना और तोंद बढ़ना मोटापे के मोटे लक्षण हैं।       मोटापे से जहाँ शरीर भद्दा और बेडौल दिखाई देता है , वहीं स्वास्थ्य से सम्बंधित कुछ व्याधियाँ पैदा हो जाती हैं , लिहाजा मोटापा किसी भी सूरत में अच्छा नहीं होता। बहुत कम स्त्रियाँ मोटापे का शिकार होने से बच पाती हैं। हर समय कुछ न कुछ खाने की शौकीन , मिठाइयाँ , तले पदार्थों का अधिक सेवन करने वाली और शारीरिक परिश्रम न करने वाली स्त्रियों के शरीर पर मोटापा आ जाता है।   भोजन के अन्त में पानी पीना उचित नहीं , बल्कि एक-डेढ़ घण्टे बाद ही पानी पीना चाहिए। इससे पेट और कमर पर मोटापा नहीं चढ़ता , बल्कि मोटापा हो भी तो कम हो जाता है।                    आहार भूख से थोडा कम ही लेना चाहिए। इससे पाचन भी ठीक होता है और पेट बड़ा नहीं होता। पेट में गैस नहीं बने इसका खयाल रखना चाहिए। गैस के तनाव से तनकर पेट बड़ा होने लगता है। दोनो समय शौच

10 Ways to Avoid Heart Attack

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अपने कोलेस्ट्रोल स्तर को 130 एमजी-डीएल तक रखिए :   कोलेस्ट्रोल के मुख्य स्रोत जीव उत्पाद है , जिनसे जितना अधिक हो , बचने की कोशिश करनी चाहिए । अगर आपको युक्त यानी लीवर में अतिरिक्त कोलेस्ट्रोल घटाने वाली दवाओं का सेवन करना पडा सकता है । अपना सारा भोजन बगैर तेल के बनाएं   : मसाले हमें भोजन का स्वाद देते है , न की तेल। हमारे ‘ जीरो आयल ‘ भोजन निर्माण विधि का प्रयोग करें और हजारों हजार जीरो आयल भोजन स्वाद के साथ समझोता किए बगैर तैयार करें । तेल ट्रिगलीराइडस होते है और रक्त स्तर 130 एमजी-डीएल के नीचे रखा जाना चाहिए । अपने तनावों को लगभग 50 प्रतिशत तक कम करें :   इससे आपको ह्रदय रोग को रोकने में मदद मिलेगी , क्योंकि मनोवेग्नानीक तनाव ह्रदय की बीमारियों की मुख्य वजह है । इससे आपको बेह्तार जीवन स्तर बनाए रखने में भी मदद मिलेगी । हमेशा ही रक्त दबाव को 120-80 एमएम एचजी के आस – पास रखे : बढ़ा हुआ रक्त दबाव विशेष रूप से 130-90 से ऊपर ब्लांकेज को दुगुनी   रफ्तार से बढ़ाएगा । तनाव में कमी , ध्यान तथा  नमक में कमी से हल्की दवाएं लेकर भी  रक्त  दबाव को कम करना चाहिए । अपने वजन को सामा

8 Impressive Health Benefits of Indian Gooseberries (Amla)

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आंवले के पोषक तत्वों के बारे में बात करें तो इसका कसैला-मीठा स्वाद , विटामिन सी औ र ए का बहुत अच्छा सोर्स होता है। इसमें भरपूर मात्रा मे फाइबर मौजूद होता है ये तो हम सभी जानते हैं कि आंवला त्वचा और बाल दोनों के लिए ही बहुत फायदेमंद होता है । बाजार में बिकने वाले कई ब्यूटी-प्रोडक्ट्स का ये मूल तत्व होता है लेकिन स्वास्थ्य से जुड़े इसके फायदों के बारे में आपको शायद ही पता हो । जानिए आंवला खाने के फायदे   1. कैंसर से बचाव में आंवले में   एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं ।   इसके साथ ही इसमें एंटी-कैंसर गुण भी होता है । एक शोध के अनुसार , आंवला कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकता है । ये कैंसर से बचाव के लिए इस्तेमाल किया जाता है । 2. हाई ब्लड प्रेशर में आंवला उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में कारगर होता है । इसके साथ ही ये दिमाग और शरीर दोनों को राहत देने का काम करता है । आंवला पाउडर , शहद के साथ मिलाकर खाना बहुत फायदेमंद होता है । 3. आंख की रौशनी में आंवले में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट गुण रेटीना के लिए काफी फायदेमंद होता है । ये विटामिन सी का बहुत अच्छा माध्यम होता है । ये

Advantage of Asafoetida (हींग)

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1} दांतों में कीड़ा लग जाने पर रात्रि को दांत में हींग दबाकर सोएं। कीड़े खुद-ब-खुद निकल जाएंगे। 2} यदि शरीर के किसी हिस्से में कांटा चुभ गया हो तो उस स्थान पर हींग का घोल भर दें। कुछ समय में कांटा स्वतः निकल आएगा। 3} हींग में रोग-प्रतिरोधक क्षमता होती है। दाद , खाज , खुजली व अन्य चर्म रोगों में इसको पानी में घिसकर उन स्थानों पर लगाने से लाभ होता है। 4} कब्जियत [Constipation] की शिकायत होने पर हींग के चूर्ण में थोड़ा सा मीठा सोड़ा मिलाकर रात्रि को फांक लें , सबेरे शौच साफ होगा।   5} पेट के दर्द , ऐंठन [strain] आदि में अजवाइन और नमक के साथ हींग का सेवन करें तो लाभ होगा। 6} पेट में कीड़े हो जाने पर हींग को पानी में घोलकर लेने से पेट के कीड़े शीघ्र निकल आते हैं। 7} जख्म [Wounds] यदि कुछ समय तक खुला रहे तो उसमें छोटे-छोटे रोगाणु [Germ] पनप जाते हैं। जख्म पर हींग का चूर्ण डालने से रोगाणु [Germ] नष्ट हो जाते हैं। 8} प्रतिदिन के भोजन में दाल , कढ़ी व कुछ सब्जियों में हींग का उपयोग करने से भोजन को पचाने में सहायक होती है।   आयुर्वेद से   सम्बंधित   लाभ की   जानकार