Advantages and Some Disadvantages of Papaya

पोषण ऐ भरपूर पपीता कई बीमारियों से दूर रखने में कारगर है। पाचन या भीख की समस्या से लड़ रहे लोगो को हर कोई पपीता खाने की सलाह देता है। पपीता पका हो या कच्चा , इसके अनेक फायदे है साथ ही साथ कुछ नुकशान भी है।  

आँखों की सुरक्षा :-  पपीते में विटामिन ऍ प्रचुर मात्रा पाई जाती है। जो आँखों के लिए बहोत ही महत्वपूर्ण होता है। इसमें कैरोटिनॉइड ल्यूटिन पाया जाता है। जो आँखों को नीली रोशनी से बचता है। 

कैंसर से बचाव :- पपीते में ऐसे तत्व पाए जाते है। जो कैंसर से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। 

पाचन तंत्र को सक्रिय करता है :- पपीते में पपेन समेत कई पाचन इन्जाइम्स होते है और कई डायट्री फाइबर्स होते है। ये पाचन-क्रिया को उत्तेजित करने का काम करते है। जिससे पाचन-तंत्र पूरी तरह सक्रिय रहता है। इसमें बिटा कैरोटीन, विटामिन ई और फोलेट आदि पाए जाते है। जो कब्ज जैसी समस्याओ से बचती है। 

गठिया(आथ्र्राइटिस) से आराम :- जब खून और ऊतकों में यूरिक एसिड की मात्रा जब बहोत बढ़ जाती है तब आथ्र्राइटिस रोग होता है। कच्चे पपीते में पाए जाने वाला एंटी इफ्लेमेटरी एंजाइम पपेन और चायमो पपेन यूरिक एसिड को नियंत्रित करते है। जिससे सुजम में भी बहोत आराम मिलता है। 

जॉन्डिस में आराम :- जॉन्डिस बीमारी में सबसे ज्यादा असर लिवर पे होता है। ऐसे में कच्चे पपीते का सेवन लिवर के लिए फायदेमंद होता है। इसलिए जॉन्डिस के रोगियों को कच्चे पपीते का सेवन करना चाहिए। 

त्वचा में निखार लाये :- स्वस्थ के नज़रिये से ही नहीं त्वचा के लिए व् पपीता बहोत फायदेमंद होता है। अगर पके पपीते के जुड़े को मिक्स करके चेहरे पे लगाया जाये तो चेहरे की चमक बढ़ती है। इसके अलावा पपीते के साथ थोड़ा सा नीबू का रास मिक्स करके लगाया जाये तो चेहरे के डेग धब्बे काम होते है और यदि पपीते और निम्बू के साथ शहद लगाया जाये तो निखार के साथ साथ चेहरा मुलायम होता है। 

हड्डियों को मज़बूती प्रदान करता है :- हड्डियों में दर्द और कमजोरी विटामिन की कमी के कारण हो सकता है। कच्चे पपीते के सेवन से इन सब विटामिन्स की कमी दूर होती है। 



बालो के लिए उपयोगी :- पपीते में पपेन नाम का एक एंजाइम होता है। जो बालो के जड़ो को मजबूती प्रदान करता है। इससे बल लम्बे और खूबसूरत होते है। पपीते के पत्ते का रास कंडीशनर के रूप में काफी कारगर साबित होता है।  

कब खाये पपीता :- पपीते का सेवन सुबह के वक्त करना चाहिए। इसमें एसिडिक गन काम होने के कारन सुबह के समय खाने से इसका पाचन आसानी से हो जाता है। इसमें मौजूद पानी की अधिकता और फाइबर की प्रचुरता भी शरीर के मेटाबोलिक रेट को संतुलित करती है। लेकिन यह ध्यान रखे की सेवन सिमित मात्रा में ही करे। इसकी कुछ मात्रा शाम के समय भी ली जा सकती हैं। लेकिन पपीता रात के खाने के बाद नहीं खाना चाहिए क्युकी अत्यधिक फाइबर युक्त होने से पचाना मुश्किल काम होता है।   


पपीता खाने के कुछ नुकशान :- गर्भवती या स्तनपान करने वाली महिलाओ को पपीते का सेवन डॉक्टर के परामर्श से ही करनी चाहिए।  पपीते के जड़ और बीज भ्रूण को नुकसान पंहुचा सकती है। शोधो के अनुशार पपीते में लेटेक्स् की अधिक मात्रा होती है। जो गर्भाशय के सिकुड़ने का कारन बन सकती है। पपीते में पाया जाने वाला पपेन भ्रूण के विकाश के लिए आवश्यक झिल्ली को नुकसान पंहुचा सकता है। 

यदि आप रक्त पतला करने वाले दवाइयों का सेवन कर रहे है या पेट खराब है तो पपीते का सेवन न करें। 

ज्यादा मात्रा में पपीते का सेवन करने से कैरोटेनेमिया यानि पेलाग्रा नामक रोग हो सकती है। जिससे सरीर के अंगो का रंग पीला पड़ने लगता है। 

 ज्यादा मात्रा में पपीते का सेवन करने से पपेन से अस्थमा, कंजेशन तथा जोर जोर से सांस लेने जैसी श्वशन  सम्बन्धी समस्याएं हो सकती है। 



Ayurveda for Healthy Living

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