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Vegetables Reduces your Fat

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  बात जब वजन काम करने की आती है, तो अक्सर हमें तरह तरह के  सलाह दी जाती है। कई बार हमें कुछ खास सप्लीमेंट लेने के लिए भी कहा जाता है। लेकिन हम  रोजमर्रा के आहार में ही कुछ  करके शरीर पे जमा अतिरिक्त चर्बी को काम कर सकते है। वजन कम करने के लिए  कड़ा प्लान बनाने की जरुरत नहीं बल्कि अपने डाइट प्लान को कड़ाई पालन करने की है। अपने रोजमर्रा के आहार में ये बदलाव लाके अतरिक्त चर्बी से छुटकारा है।  ताजा  खाये अपने रोजमर्रा के आहार में ताजा  खाद्य पदार्थ शामिल करने चाहिए। आपके आहार में पौष्टिक, कम वसायुक्त आहार को अपनाना चाहिए। जंक फ़ूड आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता। इससे आपको गैर जरुरी वसा और कैलोरी मिलती है। आपको आहार में खूब फल और सब्जिया शामिल करनी चाहिए। इनसे आपको जरुरी पोषण मिलता है और पेट भी तक भरा रहता है इससे आप गैर जरुरी चीजे खाने से बच सकते है।  रोजाना व्यायम करें  इस नियम का पालन करना सबसे जरुरी होता है। इसके लिए जरुरी है की आप हलके व्यायाम से शुरुआत करें। और धीरे धीरे व्यायम का स्तर बढ़ाते जाएं। यदि आज आप 10 मिनट के लिए व्यायम करते है तो एक सप्ताह तक इस व्याम पर कायम रहिये फिर अगले स

Advantages and Some Disadvantages of Papaya

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पोषण ऐ भरपूर पपीता कई बीमारियों से दूर रखने में कारगर है। पाचन या भीख की समस्या से लड़ रहे लोगो को हर कोई पपीता खाने की सलाह देता है। पपीता पका हो या कच्चा , इसके अनेक फायदे है साथ ही साथ कुछ नुकशान भी है।                     आँखों की सुरक्षा  :-   पपीते में विटामिन ऍ प्रचुर मात्रा पाई जाती है। जो आँखों के लिए बहोत ही महत्वपूर्ण होता  है। इसमें कैरोटिनॉइड ल्यूटिन पाया जाता है। जो आँखों को नीली रोशनी से बचता है।  कैंसर से बचाव :- पपीते में ऐसे तत्व पाए जाते है। जो कैंसर से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।  पाचन तंत्र को सक्रिय करता है :-  पपीते में पपेन समेत कई पाचन इन्जाइम्स होते है और कई डायट्री फाइबर्स होते है। ये पाचन-क्रिया को उत्तेजित करने का काम करते है। जिससे पाचन-तंत्र पूरी तरह सक्रिय रहता है। इसमें बिटा कैरोटीन, विटामिन ई और फोलेट आदि पाए जाते है। जो कब्ज जैसी समस्याओ से बचती है।  गठिया(आथ्र्राइटिस) से आराम :-  जब खून और ऊतकों में यूरिक एसिड की मात्रा जब बहोत बढ़ जाती है तब  आथ्र्राइटिस रोग होता है।  कच्चे  पपीते में पाए जाने वाला एंटी इफ्लेमेटरी एंजाइम पपेन और चायमो पपेन य

Tips for Healthy and Soft Skin

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  यदि आपके चेहरे की त्वचा सामान्य है या तेलीय है  तो ठंड के मौसम का प्रभाव ज्यादा नहीं पड़ेगा। लेकिन  रूखी  या शुष्क है तो इस मौसम में आपकी त्वचा को देखभाल की जरुरत है। इन दिनों त्वचा ठंडी हवाओ से फट  जाती है या शुष्क हो जाती है।   सबसे ज्यादा चेहरे की तवचा प्रभावित होती है।  त्वचा में नमी बनाये रखना बहोत ही मुश्किल होता है आप मौसम के अनुशार फेसिअल करके ठण्ड के कुप्रभावों से अपने त्वचा की रक्षा कैसे कर  सकते है और किन चीजों का इस्तेमाल करे।  चलिए जानते है।            चलिए जानते है। सबसे पहले चेहरे क क्लींजिंग मिल्क से साफ करे । अब बराबर मात्रा में गुलाब जल और गिलसरीन   मिलकर चेहरे की हलके हाथो से मालिश करे । गर्दन की मालिश करते समय साथ थोड़ा सख्ती से निचे से ऊपर की तरफ मालिश करे। ठोड़ी की मालिश हाथो को बहार ले जाते हुए करे।  गालो पर गोलाई से मालिश करते हुए हाथ निचे से ऊपर की तरफ ले जाये। इस मालिश से रक्त संचार और गलो का गुलाबीपन बना रहेगा। माथे में मालिश करते समय हाथ को लेफ्ट से राइट की तरफ हाथो को थोड़ा टेढ़ा करके चलाये। आंखों की नज़ाकत का ध्यान रखते हुए आँखों में इस तरह लगाए की आँखों के अं

Health benefit of Mint/Pudina

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कई बार हम साधारण बीमारियों से घबरा कर तुरंत डॉक्टर के पास चले जाते है और ढेर साडी दवाईयाँ उठा   लाते  है। लेकिन हम ये नहीं समझते की हम जितनी ज्यादा दवाये उपयोग करेंगे उतना ज्यादा हमारे शरीर में  रोगो से लड़ने की क्षमता कम  जाती है जैसे की आप सभी ने देखा ही होगा जिस दवा को हम बार बार उपयोग करते है बाद में वो दवा कम असर करता और हम लोगो को डॉक्टर दूसरी बार हाई पावर वाला दवा देता है। इसी जगह यदि हम कुछ आयुर्वेदिक चीजों या का उपयोग करके अपने आप को ठीक रखे ताकि  हमे कभी कोई बड़ी बीमारी  हो जाये तो दवा जल्दी से जल्दी असर करे।  हम दवा दवा जितनी काम खाएंगे उतना जल्दी वक्त पड़ने पे दवा जल्दी असर करेगा। इसीलिए हम लाये है पुदीने के कुछ लाजवाब नुस्खे जिससे आप निरोगी रह सकते है।  पुदीने के पानी को उबाल कर थोड़ा सा चीनी मिलकर चाय की तरह उसे पिने से बुखार दूर होकर बुखार से हुए कमजोरी को व् दूर है।  धनिया, सौफ और जीरा  बराबर मात्रा में लेकर उसे भिगो कर पीस ले फिर 100 ग्राम पानी मिलकर उसे छान ले।  इसमें पुदीना का अर्क मिलकर पिने से उलटी बंद हो। या आधा कप पुदीने का राश हर आधे घंटे में दें।  पेट में कृमि  पुद

Quick Weight Loss Diet

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खाने से मोटापा बढता है , लेकिन कुछ ऐसे भी भोजन हैं जिनके सेवन से आपका वजन जल्दी से घट सकता है। मोटापे पे  नियंत्रण रखना स्वास्थ के लिए बेहद आवश्यक है  लेकिन वजन घटाना आज कल का ट्रेंड बन गया है। वजन काम करने के कई तरीके है लेकिन आहार के द्वारा वजन काम करना  स्वास्थ के हिसाब से ज्यादा फायदेमंद होता है। कुछ ऐसे फल है जिनको  डाइट में शामिल करने से वजन को काम किया जा सकता है। काम फैट और खाने में  कार्बोहाइड्रेट को काम करने पर वजन पे नियंत्रण पाया जा सकता है।    बीन्स (Beans) बीन्स को मोटापा घटने के लिए सबसे अच्छा मन जाता है। क्योकि बीन्स में ऐसे तत्व होते है जो डाइजेस्टिव हार्मोन्स को दो गुना बढ़ा देते है. इसके अल्वा बीन्स ब्लड शुगर के स्तर को बनाये रखता है, जिससे लम्बे समय तक भूके रहने में नुकशान ना हो। बीन्स को हाई फाइबर डाइट मन जाता है।  ग्रीन टी (Green Tea) ग्रीन टी वजन काम करने में सबसे जयदा फायदेमंद है साथ ही साथ ये स्किन के लिए व् बहोत जयदा अच्छा मन जाता है। ग्रीन टिया में  कैटेशिंस नाम का  एंटीऑक्सिडेंट्स मौजूद होता है जो फैट को जलाता है और मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाने मर मदद करता है।  नाशपा

Reason, Symptoms and Home Remedy to Get Rid of Acidity

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एसिडिटी का कारण इससे पूर्व यह जान लेते हैं की पेट में एसिडिटी किस वजह से होती हैं । पेट में गैस कई कारणों से हो जाती हैं ।  वो लोग जो ज्यादा मिर्च-मसाले वाला खाना खाते हैं ,  ज्यादा शराब ज्यादा शराब पीते हैं उन्हें एसिडिटी की शिकायत ज्यादा होती है। इसके अलावा और भी कई वजहें हैं जिससे एसिडिटी बढ़ती है 1. वक्त पर खाना न खाना 2. ज्यादा घी-तेल और मसाले वाला खाना खाना 3. भोजन करने के बाद दिन में सोना         4.खाना पूरी तरह से न पचने के कारण भी पेट में गैस बन जाती हैं 4. अधिक समय तक तनावग्रस्त रहना 5. देर तक भूखे रहना 6. जंक फूड बहुत ज्याद खाना 7. पानी कम पीना         एसिडिटी के कुछ लक्षण 1. सीने और छाती में जलन , इससे सीने में दर्द भी रहता है 2. मुंह में खट्टा पानी आना 3. भोजन ठीक से नहीं पचता , इसकी वजह से घबराहट होती है 4. खट्टी डकारें आती हैं 5. गले में जलन-सी महसूस होती है जब यह तकलीफ बार-बार होती है तो गंभीर समस्या का रूप धारण कर लेती है। एसिडिटी से कई बार रोगी ऐसा महसूस करता है जैसे भोजन उसके गले में आ रहा है या कई बार डकार के साथ खाना मुंह में आ जाता ह